"नमामि गंगे" कार्यक्रम के अंतर्गत स्वामी नारायण आश्रम में योग, वेद और जागरूकता का संगम
नाराणन नगर, 12 जून 2025: संत नारायण स्वामी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नारायण नगर द्वारा आज "नमामि गंगे" कार्यक्रम के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से पूर्व एक विशेष जनजागरूकता शिविर का आयोजन ऐतिहासिक स्वामी नारायण आश्रम में किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण, स्वच्छता, एवं भारतीय योग व वैदिक परंपरा के प्रति आमजन को जागरूक करना रहा।
शिविर की शुरुआत योगाचार्य डॉ. सुनील लोहनी एवं वेदाचार्य श्री गोपेश पाण्डेय के मार्गदर्शन में योगासन, प्राणायाम एवं ध्यान सत्र से हुई। साथ ही प्रतिभागियों को वैदिक ज्ञान, शास्त्रार्थ एवं आध्यात्मिक परंपराओं से भी परिचित कराया गया।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. दिनेश कोहली ने आयोजन की पृष्ठभूमि व उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि “यह आयोजन न केवल योग के माध्यम से स्वस्थ जीवन के प्रति प्रेरित करता है, बल्कि गंगा जैसी जीवनदायिनी नदी के संरक्षण की जिम्मेदारी भी हम सबको स्मरण कराता है।”
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, माननीय विधायक श्री विशन सिंह चुफाल ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा, "गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा है। योग और वेदों की साधना के माध्यम से व्यक्ति न केवल आत्मविकास करता है, बल्कि पर्यावरण एवं प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा में भी अपनी भूमिका सुनिश्चित करता है।" कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, प्रो. गिरीश चन्द्र पंत, प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय मुवानी, ने अपने संबोधन में भारत सरकार की "नमामि गंगे" योजना के महत्व को रेखांकित किया और युवाओं से इसके समर्थन में आगे आने का आह्वान किया। प्राचार्य प्रो. प्रेमलता पंत ने महाविद्यालय परिवार की ओर से अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा, “ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों में पर्यावरणीय चेतना, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता तथा सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति श्रद्धा उत्पन्न होती है।"
इस सफल आयोजन में डॉ. पंकज भट्ट, डॉ. धारियल, डॉ. तिवारी, डॉ. रश्मि टम्टा, डॉ. शिखर, डॉ. विवेक, डॉ. सारिका, डॉ. मनोज, डॉ. रविन्द्र, श्री संजय, श्री टीका सिह, डॉ नेगी , श्री भोपाल, श्री दिनेश, श्री मनोज रावत, श्री नवीन, सहित समस्त शिक्षकगण, कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राओं ने सक्रिय भूमिका निभाई। कार्यक्रम स्वामी नारायण आश्रम परिसर में संपन्न हुआ, जिसमें आश्रम प्रभारी श्री दीप चन्द्र पाण्डेय का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। यह आयोजन न केवल योग और वेद परंपरा का उत्सव रहा, बल्कि गंगा के प्रति हमारी सांस्कृतिक एवं नैतिक जिम्मेदारियों का भी स्मरण कराने वाला सार्थक और प्रेरणादायक प्रयास सिद्ध हुआ।